केशव साहू कसडोल । पत्रकार, कथाकार, चित्रकार, नीतिकार और अदाकार ये सभी पांचों समाज के दर्पण है । जो हम देखते हैं सुनते हैं वही हमारे मन में घर कर जाती है और उसी के अनुसार वह समाज को दिखाते हैं।
युवा आस्था मंच कसडोल द्वारा आयोजित नव दिवसीय श्री राम कथा का भव्य शुभारंभ बुधवार 27 मार्च को भव्य कलश यात्रा के साथ हुआ जिसमे बड़ी संख्या में नगर की माता बहनों सहित नागरिक शामिल हुए। उपस्थित श्रद्धालुओं को पांडातराई से पधारे आचार्य सागर जी महाराज ने श्री राम चरित मानस की अमृत मयी कथा का रस पान कराया ।

उन्होंने श्री राम कथा का महत्व बताते हुए कहा कि श्री राम कथा सुनने सभी नहीं पहुंचते अपितु जिनके ऊपर भगवान की कृपा होती है वही कथा श्रवण करने पहुंचते हैं। उन्होंने अलग अलग दिनों में अलग अलग भगवान की पूजा करने को बताते हुए कहा कि जो भक्त रोजाना मंदिर नही पहुंच सकते वह सोमवार या मंगलवार के बहाने कम से कम एक दिन शिव जी या हनुमान जी के मंदिर में पहुंचते हैं लेकिन भक्तो के लिए रोजाना सोमवार और मंगलवार है । अर्थात भगवान रोज मंदिर में विराजमान हैं।

आज उन्होंने कहा कि पत्रकार, कथाकार, चित्रकार, नीतिकर और अदाकार ये सभी पांचों को समाज में विकार रहित चीज प्रस्तुत करना चाहिए। उन्होंने दूसरे दिन भगवान शिव और पार्वती विवाह के अवसर पर श्रोताओं को अपनी अमृत मयी वाणी से आनंदित करते हुए कहा कि जब ब्रम्हा जी ने राजा दक्ष को प्रजापतियों का नायक बनाया तब दक्ष को अहंकार हो गया और भगवान शिव से बैर करने लगे इसीलिए हरद्वार के कनखल में यज्ञ की रचना की जिसमे माता सती ने अपना देह त्याग दिया था । उन्होंने कहा कि दुनिया में ऐसा कोई नहीं जन्मा जिन्हे पद पाने के बाद अहंकार नहीं होता हो लेकिन जो व्यक्ति सब कुछ भगवान पर सौंप देता है उसे अहंकार नहीं होता।इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्रोतगण उपस्थित रहे।